Tuesday, May 31, 2011

महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री





राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत जी पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद लेते हुये  


महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री





राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत जी पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद लेते हुये  


महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

परम पूज्य निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ  स्वामी श्री विश्वदेवानन्द जी महाराज जी के साथ अन्य प्रसिद्ध सभी अखाड़ों आचार्य गण 




महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

परम पूज्य निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ  स्वामी श्री विश्वदेवानन्द जी महाराज जी के साथ अन्य प्रसिद्ध सभी अखाड़ों आचार्य गण 




महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

विश्व विख्यात महान सन्यास आश्रम, एलिस ब्रिज, अहमदाबाद 



महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

विश्व विख्यात महान सन्यास आश्रम, एलिस ब्रिज, अहमदाबाद 



महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

चतुर्थ एवं वर्तमान निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 108  स्वामी श्री विश्वदेवानन्द जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी

महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

चतुर्थ एवं वर्तमान निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 108  स्वामी श्री विश्वदेवानन्द जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी

महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

तृतीय निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री अतुलानन्द जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी





महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

तृतीय निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री अतुलानन्द जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी





महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

द्वितीय निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री कृष्णानन्द  जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी

महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

द्वितीय निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री कृष्णानन्द  जी महाराज ,गोविंद मठ ,वाराणसी

महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

प्रथमनिर्वाणपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री जयेन्द्र पुरी जी महाराज,गोविंद मठ


महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री

प्रथमनिर्वाणपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री जयेन्द्र पुरी जी महाराज,गोविंद मठ


महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री



आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री गोविंदानन्द जी महाराज गोविंद मठ , वाराणसी   

           



महान परम्परा के धनी पूज्य महाराज श्री



आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी श्री गोविंदानन्द जी महाराज गोविंद मठ , वाराणसी   

           



Monday, May 30, 2011

Param Guru Mahima


                   
           श्री कृष्णानन्दस्तुतिः
सर्वशास्त्रार्थनिष्णातं निगमागमबोधकम्  
श्री कृष्णाख्यं यतिश्रेष्ठं प्रणमामि पुनः पुनः ॥1 
कृष्णानन्दं जगद्वन्द्यं कारुण्यामृतसागरम्  
स्वात्मानन्दनिमग्नञ्च शिवसायुज्यसाधकम् 2 
जीवितं यस्य लोकायऽऽलोकायैव च जीवनम् । 
महादेव समं मान्यममान्यानपि मानदम् 3 
हार्दं लोकहितार्थाय मनोहारि च यद्वचः  
राकेन्दुरिव दिव्याय भव्याय नमो नमः 4 
काषायवस्त्रभूषाय मालारुद्राक्षधारिणे  
श्री कृष्णानन्दसंज्ञाय गुरुणां गुरवे नमः। 5
यतिमण्डलमार्तण्डमानन्दान्बुधिसन्निभम् 
 नमामि शिरसा देवं कृष्णानन्दं यतिं वरम् ॥6 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं विप्रकुलसमुद्भवम् ।
नमामि मनसा देवं कृष्णानन्दं यतिं वरम् 7 
नमः परमहंसाय सुधीभिर्वन्दिताय च  
श्री कृष्णानन्दसंज्ञाय गुरुणां गुरवे नमः 8 
अष्टश्लोकी स्तुतिरेषा पुण्यानन्दविवर्धिनी । 
विरचिता ह्यनन्तेन गुरुदेव प्रसादतः

Param Guru Mahima


                   
           श्री कृष्णानन्दस्तुतिः
सर्वशास्त्रार्थनिष्णातं निगमागमबोधकम्  
श्री कृष्णाख्यं यतिश्रेष्ठं प्रणमामि पुनः पुनः ॥1 
कृष्णानन्दं जगद्वन्द्यं कारुण्यामृतसागरम्  
स्वात्मानन्दनिमग्नञ्च शिवसायुज्यसाधकम् 2 
जीवितं यस्य लोकायऽऽलोकायैव च जीवनम् । 
महादेव समं मान्यममान्यानपि मानदम् 3 
हार्दं लोकहितार्थाय मनोहारि च यद्वचः  
राकेन्दुरिव दिव्याय भव्याय नमो नमः 4 
काषायवस्त्रभूषाय मालारुद्राक्षधारिणे  
श्री कृष्णानन्दसंज्ञाय गुरुणां गुरवे नमः। 5
यतिमण्डलमार्तण्डमानन्दान्बुधिसन्निभम् 
 नमामि शिरसा देवं कृष्णानन्दं यतिं वरम् ॥6 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं विप्रकुलसमुद्भवम् ।
नमामि मनसा देवं कृष्णानन्दं यतिं वरम् 7 
नमः परमहंसाय सुधीभिर्वन्दिताय च  
श्री कृष्णानन्दसंज्ञाय गुरुणां गुरवे नमः 8 
अष्टश्लोकी स्तुतिरेषा पुण्यानन्दविवर्धिनी । 
विरचिता ह्यनन्तेन गुरुदेव प्रसादतः

         गुरुस्तव

 सर्वतन्त्रस्वतंत्राय धर्मशास्त्रप्रचारिणे
 निर्वाणपीठेश्वराय वेदान्तगुरवे नमः ।।  1
 सुप्रसन्नं कर्मनिष्ठं निजानन्दस्वरुपिणम्
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 2
ज्ञाननिष्ठं धर्मनिष्ठं द्वंदातीतं यतेंद्रियम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 3
शरण्यं सर्वभक्तानां ब्रह्मानन्दस्वरूपकम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥4
 श्रेयस्कामं महाभागं मानातीतं यतीश्वरम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 5
जपध्यानेरतं नित्यं भयशोकादिवर्जितम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 6 
लोभमोहपरित्यक्तमाशापाशविवर्जितम् ।
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 7 
विश्वदेवं गुरुवर्यं साक्षाद्शंकररुपिणम् ।  
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 8 
गुरुस्तवमिदं पुण्यं ज्ञानविज्ञानदायकम् । 
मयाविरच्यते ह्येतदनंत ब्रह्मचारिणा ॥
      

         गुरुस्तव

 सर्वतन्त्रस्वतंत्राय धर्मशास्त्रप्रचारिणे
 निर्वाणपीठेश्वराय वेदान्तगुरवे नमः ।।  1
 सुप्रसन्नं कर्मनिष्ठं निजानन्दस्वरुपिणम्
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 2
ज्ञाननिष्ठं धर्मनिष्ठं द्वंदातीतं यतेंद्रियम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 3
शरण्यं सर्वभक्तानां ब्रह्मानन्दस्वरूपकम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥4
 श्रेयस्कामं महाभागं मानातीतं यतीश्वरम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 5
जपध्यानेरतं नित्यं भयशोकादिवर्जितम् । 
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 6 
लोभमोहपरित्यक्तमाशापाशविवर्जितम् ।
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 7 
विश्वदेवं गुरुवर्यं साक्षाद्शंकररुपिणम् ।  
अज्ञानतिमिरध्वान्तं प्रणमामि मुहुर्मुहुः॥ 8 
गुरुस्तवमिदं पुण्यं ज्ञानविज्ञानदायकम् । 
मयाविरच्यते ह्येतदनंत ब्रह्मचारिणा ॥